कला रुचिकर विषय है ये तभी पता चलता है जब कलाकार अपनी कला में मगन दिखते है।।।।
कला है तो जीवन है।।।
अनुदेशकों के इतना काम करने के बावजूद भी इतना शोषण हो रहा है की मुठी भर पैसे मिलते है जिस से अपने परिवार का भरण पोषण असम्भव है| लानत है ऐसे शोषण कर्ताओं से जो अपनी जेब भरने के लिए अपनी तनख्वा खूब रखते है और हमारी तनख्वाह तो बताने लायक भी नही और इंस्ट्रक्टर का कही कोईं एक्स्पेरिंस काम नही आता न b.ed.करने में न किसी नौकरी में ,लानत है | रोजगार सुरक्षा तो भूल ही जाओ |
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